हिन्दू धर्म में अन्त्येष्टि को अंतिम संस्कार कहा जाता है। धर्म शास्त्रों की मान्यता है कि मृत शरीर की विधिवत अंतिम संस्कार में होने वाले कर्मकांड को करने से जीव की अतृप्त वासनायें शान्त हो जाती हैं। वह सभी मोह माया और बंधनों को त्यागकर पृथ्वी लोक से परलोक की ओर गमन करता है। इसी निमित्त मृत देह का विधिवत संस्कार किया जाता है। अंत्येष्टि का अर्थ होता है अंतिम यज्ञ। यह यज्ञ मरने वाले व्यक्ति के शव के लिए किया जाता है।